सारण से PK का पावरफुल संदेश: “मैं सीएम बनने नहीं, इतिहास रचने आया हूं”

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार की सियासत में बदलाव की बयार लाने की कोशिश कर रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को सारण में जनसभा के दौरान तीखा बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि उनका लक्ष्य मुख्यमंत्री बनना नहीं है, बल्कि बिहार को उस मुकाम तक पहुंचाना है जहां दूसरे राज्यों के लोग रोजगार की तलाश में आएं।

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“कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं मुख्यमंत्री बनने आया हूं। लेकिन आप मुझे नहीं जानते। हम इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुए हैं,” – प्रशांत किशोर

10-10 मुख्यमंत्री बना चुका हूं, खुद के लिए नहीं कर रहा मेहनत

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उन्होंने देश में कई नेताओं को मुख्यमंत्री बनने में मदद की है।

“एक-दो नहीं, 10-10 मुख्यमंत्री बनाने में कंधा लगाया है। जो मेहनत मैं कर रहा हूं, वह मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं, बिहार को दिशा देने के लिए है।”

बड़ा सपना: बिहार बने रोजगार देने वाला राज्य

उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि एक दिन ऐसा आए जब हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्यों से लोग बिहार में मजदूरी और रोजगार के लिए आएं।

“जब ये दिन आएगा, तब मानेंगे कि बिहार वाकई बदला है।”

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर

बिहार में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव संभावित हैं, हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अभी कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की गई है। प्रशांत किशोर की यह सक्रियता और बयानबाजी आने वाले चुनावों में उनके रोल को लेकर संकेत देती है।

क्या PK बनेंगे बदलाव का चेहरा?

प्रशांत किशोर का यह बयान केवल चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि बिहार में राजनीतिक विमर्श को नए स्तर पर ले जाने की कोशिश है। उनका फोकस नेतृत्व नहीं, सिस्टम परिवर्तन पर है — और यह जनता की भावनाओं को छू सकता है।

मुख्यमंत्री नहीं, चेंजमेकर बनना है मकसद

प्रशांत किशोर ने बिहार के राजनीतिक मंच से एक बात साफ कर दी है — वे पद के पीछे नहीं, परिवर्तन के पीछे हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी उनकी मंज़िल नहीं, बल्कि बिहार को आर्थिक और सामाजिक रूप से अग्रणी राज्य बनाना उनका असली लक्ष्य है।

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